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मौसी और अकटारा को चोदा – देसी कहानी

विधवा चाची की झांटवाली चूत का रस निकाल दिया


लंड हिलाने की चाह रखनेवाले सभी पाठको को मेरा नमस्कार. अपुन का नाम राकेश हैं और अभी मैं 21 साल का हूँ. मैं छत्तीसगढ़ का हूँ लेकिन हमारी फेमली आजकल बिहार में ही सेटल हैं. काफी सालों से मुझे भी चोदने की कहानियाँ पढने का चस्का हैं और मैंने अपने अनुभव को भी आप लोगों से साझा करने के बारे में पक्का सोच लिया. आज से करीब 7 महीने पहले की ये बात होगी. मेरे एग्जाम फिनिश कर के मैं अपने गाँव आ गया.

गाँव में मेरे को पता चला की कोरोना की वजह से पड़ोस के एक अंकल जी का देहांत हो गया था. वो जवान ही थे और उनकी बीवी की उम्र भी करीब ३९-४० की ही होती. मैंने मन ही मन सोचा की साला इतनी कम उम्र में लंड का साथ चला गया चूत से.

चाची की फेंटसी थी मुझे काफी समय से. मेरा मन करता था की चाची को जींस और शर्ट पहनाऊ और फिर नंगा कर के उसकी बुर खा के चोदुं! अब मैं उनके बारे में और भी ज्यादा मुठ मारने लगा था.

चाची के साथ में अब उसके दो बच्चे और एक खडूस सास थी. सास मुझे पहले से ही बेटा बेटा कह के अपने काम करवाती थी. मैं आया तो उनसे मिम्लने गया और बोला की कुछ भी काम हो तो मेरे को आवाज दे देना.

हफ्ते भर के बाद मैं मोर्निंग में स्नान कर के निकला तो देखा की अपने घर के सामने बैठ के चाची की सास चारपाई पर सूरज का मजा ले रही थी और उसके घर में टीवी ओन था. मैं कपडे पहन के वहां गया. सास को नमस्ते कर के घर में गया तो देखा की चाची कमरे में नहीं थी. मैंने सोचा की आवाज दे दूँ.

लेकिन तभी मुझे पानी के गिरने की आवाज आई तो मैं समझ गया की चाची भी नहाने गई थी. मैं वही सोफे पर बैठ के टीवी देखने लगा.

करीब 5-6 मिनट के बाद चाची ने दरवाजा खोला. उसके बदन पर एक पलता तौलिया था जिसके ऊपर ना जाने क्या क्या छिपाने की जिम्मेदारियां थी! मैं तो ये सिन देखता ही रह गया.

सच कहूँ तो मस्तक पर पसीना भी आ गया था. किसी की चूत फाड़ने के बारे में सोच के लंड हिलाना और बात हैं और ऐसी तपिश को झेलना एक और बात हैं. मेरे लंड में करंट दौड़ने लगा था और एकदम टाईट हो गया था. चाची भी एक मिनिट के लिए सोच में पड़ गई.फिर वो बाथरूम में घुसी और बोली, राजेश राजेश!

मैंने कहा, बोलो चाची क्या हुआ?

चाची ने कहा देख सामने मेज पर मेरे कपडे पड़े हैं वो पकड़ा देना जरा.

मैं मेज के पास गया और उनकी ब्रा पेंटी उठाई और बाथरूम के दरवाजे के पास हाथ कर के उन्हें आवाज दे दी.

चाची ने जैसे ही हाथ बहार निकाला पता नहीं मुझे क्या हुआ की मैंने उनका हाथ पकड़ लिया. चाची मुहं बहार निकाल के मुझे देख रही थी. मैंने कहा, तौलिया हैं फिर बहार आ जाइए ना!

और फिर अगले पल जो हुआ उसकी मुझे कल्पना नहीं थी. चाची हंस के बोली, हाथ छोड़ दो मेरा प्लीज़! (मैंने नहीं सोचा था की वो हंस के ऐसा बोलेगी, मन ही मन थप्पड़ सोच रखी थी मैंने!))

मैं: अरे आप आ जाओ बहार, वैसे भी घर में हम दोनों ही हैं.

चाची: अरे नहीं, मेरे को अच्छा नहीं लगता हैं.

मैं: अब हमसे भी क्या शरमाना चाची जी.

और मैंने जिद्द की तो वो बहार आ ही गई.

मेरे हाथ से ब्रा पेंटी ले के वो बोली: मैंने कपडे पहन के आती हूँ.

वो कमरे में घुसी और मैं दो दरवाजों की फांक से अंदर झाँकने लगा.

उसके एक एक अंग को देख के मेरे लंड में पूरा हलचल सा हो गया था. उनके आने से पहले मैं वापस सोफे पर जा के टीवी देखने लगा.

चाची मेरी बगल में आ बैठी और बोली: आज तुमने ये सब करने की हिम्मत कैसे की?

मैं एक पल के लिए डर गया की कहीं वो कपडे पहन के लेडी सिंघम ना हो जाए. मैंने सर निचे किया और कहा की आप को अच्छा नहीं लगा तो मैं सोरी बोलता हूँ.

चाची ने मेरे हाथ पर हाथ दबा के बोला: अरे इतना क्यूँ घबरा रहे हो अब, कुछ देर पहले तो शेर बने थे!

मैंने कहा शेर तो अब भी हूँ लेकिन मैं आप को नाराज नहीं करना चाहता!

चाची ने बोला, चल मेरा मिक्सर काम नहीं कर रहा हैं उसे चेक कर दे.

मैंने कहा, जैसा आप कहें.

अब मैं समझ गया था की चाची की भी रंगीन रातें करने की मूड थी ही लेकिन वो चुदवाने के बहाने तलाश रही थी. वो मेरे आगे थी अपनी बड़ी गांड कमटकाते हुए और मैंने पीछे पीछे लंड को कितना समझाते हुए!

चाची की मटकती गांड ने मेरे लंड में अजीब खुमारी ला दी थी. मेरे लंड में झटके लग रहे थे और पतलून को फाड़ देने की हद तक अकड आ गई थी.

चाची ने मुझे मिक्सर दिखाया, उसके निचे की स्विच ट्रिप हो गई थी. मैंने दो मिनिट इधर इधर का ज्ञान दिखा के वो स्विच को वापस खिंच के चाची को चेक करने को बोला. मिक्सर ओन तो होना ही था.

चाची बोली, अरे वाह इतनी जल्दी.

मैं: हाँ अब बताओ मेरे को क्या मिलेगा रिपेरिंग चार्ज?

चाची ने मेरे कंधे पर हाथ रख के एकदम नोटी आवाज में बोला: क्या चाहिए?

और वो कह के उसके होंठो में एक दबी हुई सी हंसी भी दिखी मुझे.

मैंने कहा, मैं एक बार आप के होंठो को किस देना चाहता हूँ.

चाची ने एकदम सेक्सी अंदाज से मुझे हल्का चांटा मारा और बोली: अरे नहीं किसी ने देख लिया तो?

मैंने कहा अरे किसी को कुछ पता नहीं चलेगा, मैं बताऊंगा नहीं और आप भी मत बोलना किसी को.

चाची बोली: नहीं मैं नहीं कर सकती ये सब कुछ तुम्हारे साथ!

मैंने भी नहीं छोड़ा ये हाथ आया मौका और जिद्द की तो वो बोली, ठीक हैं लेकिन सिर्फ एक बार.

उसके उतना कहते ही मैंने अपने होंठो को उसके रसीले गुलाबी होंठो से लगा के चुसना चालू कर दिया. वो भी चूस रही थी लेकिन फिर मुझे धक्का दे के बोली, चल अब बस करो हो गया.

लेकिन मैंने उन्हें वापस पकड के होंठो से होंठो को लगा दिया और अपने हाथ को उसकी गांड के ऊपर के हिस्से में रख के पूरा जकड़ ही लिया और किस करते करते उसकी कमर को हाथ से रब करने लगा. और फिर मैंने हाथ से उसकी गांड भी दबाई वो छटपटा के छूटना चाहती थी लेकिन मैंने ऐसा होने नहीं दिया.

फिर वो ज्यादा हिली तो मैंने छोड़ दिया.

लेकिन मेरे छोड़ते ही उसने वापस मुझे पकड़ा और किस दे के अब मेरे हाथ उसने ही अपने बूब्स पर रखवा दिये. मैंने आह्ह्ह अह्ह्ह उह ह्ह्ह्ह कर के उसके बूब्स नोंच के किस दे रहा था उसे. उसकी भी आह हो गई थी और उसके सॉफ्ट मुलायम चुचे मेरे लंड में एक तूफ़ान ले के आ गए थे.

मैं अब चाची के बूब्स को कपड़ो के ऊपर से ही किस देने लगा. वो कामुक सिसकियाँ निकाल रही थी.

चाची को धक्का दे के मैंने बहार नजर की. सासू माँ चारपाई पर लेट गई थी, शायद नींद में थी वो. मैं वापस आया और चड्डी से लंड निकाल के चाची को पकड़ा दिया. और मैंने उन्हें किचन में ले जा के स्लेब पर बिठा दिया.

लंड को देख के चाची की आँखे चौंधिया उठी और बोली, बाप रे कितना मोटा हैं ये तो!

मैंने कहा, आप को मजा आ जाएगा आज तो!

 

चाची ने बड़े ही प्यार से मेरे लंड को मसला और फिर मैंने उनके ब्लाउज के सब बटन निकाल दिये. और फिर उनके उभरे हुए कडक चूचो को चूसने लगा मैं. अब एक हाथ को मैंने चाची की गरम चूत पर भी रख दिया. चाची की चूत पर घनी झांट थी लेकिन अंदर का हिस्सा एकदम मुलायम था, सेक्सी टच था वो.

चाची ने कान के पास मुहं ला के कहा, जल्दी से डाल दो नहीं तो कोई आ जाएगा.

बात तो सही थी उसकी. मैंने भी उसे उठा के टाँगे खोली और लंड अदंर कर दिया. वो बेहोश सी हो गई लंड पूरा अंदर ले के. उसकी चूत में एकदम फिट आ गया था लंड मेरा.

वो मस्ती से आवाज में बोली, वाह क्या लंड हैं इतना मोटा मैंने अपनी लाइफ में पहले कभी नहीं लिया.

मैंने चाची के होंठो को अपने होंठो से दबा के चुसना और निचे उसकी चूत को लौड़े से पम्प करना चालु कर दिया. साथ में मैंने उसके बूब्स को भी दबा रहा था.

चाची: अह्ह्ह अह्ह्ह प्लीज आराम से करो.

वो भी गांड लंड पर मार मार के अपनी चूत की सब खुजली मिटाने लगी थी.

मैंने उसके कान के लोल वाले हिस्से को किस दी तो वो पागल सी हो गई और लंड के ऊपर चूत के लिप्स को दबा दिया. मैंने उसे और उत्तेजित करने के लिए नंगे कंधे के ऊपर दांतों से हल्का बाईट दिया. चाची के अंदर की औरत का सब पारा ऊपर चढ़ गया. औरत से रंडी बन के बोली: फाड़ दो मेरे भोसड़े को अपने औजार से मेरे राजा!

अब मेरे को और कुछ नहीं सुनना था. मैंने भी लंड को साबरमती एक्सप्रेस के जैसे धक्के दे के चोदना चालु किया. चाची की चूत का झाग निकल आया मेरे लंड पर. और एकदम जोर जोर से चोदने लगा मैं उसे.

चाची के होंठो पर दर्द की चुभन दिखी जब उसने दांतों तले दबाये उन्हें. लेकिन वो दर्द को सह के लंड के धक्के खा रही थी.

मेरे होने को था तो मैंने चाची से बोला: अंदर निकालूं की बहार?

चाची बोली: अंदर ही निकाल, मेरा भी होने को मैं, साथ में झड़ते हैं. मैं गोली खा लुंगी!

मैंने चुदाई और तेज कर दी इस विधवा चाची की और फिर हम दोनों साथ में ही झड़ गए.

चूत में मेरा माल ले के चाची ने जल्दी जल्दी अपने कपडे पहने और बोली, अब तुम जाओ यहाँ से!

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